आज सीधे रास्ते हैं
आज रास्ते सीधे हैं
मस्ती से बढ़े चलो
ना इधर को देखो
ना उधर की सोचो
बस रस्तों को पढ़े चलों
कल दोराहे आएँगे
कुछ चौराहे आएँगे
तब सोचेंगे मुड़ने की
किसी राह से जुड़ने की
जिस राह भी जाएँगे
वो कहीं को तो जाएगी
हम गुज़र कर देखेंगे
वो जो भी रंग दिखाएगी
तरक़ीब भला आज क्याँ करें
है क्या तलब, हमें ना पता
है जो मिला, क्याँ गिला करें
क्याँ माँगना, था ना पता
आज से बेहतर, कल होगा
एसा कहीं लिखा तो नहीं
फिर आज को गवाँ देना
ख़ुद को, अच्छा सिला तो नहीं
आज रास्ते हैं पहचाने जो
उन से कल बेगानें हो
जाना ही है अगर
तो क्यों ना आज इन रास्तों
को पूरी तरह से नाप लें
यूँ चलें इन पर कि हमको
यें रास्ते पहचान लें
आज सीधे रास्ते हैं
रस्तों को पढ़े चलों