वो है अभी भी आईना
है धूल से ढका मगर वो है अभी भी आईना
धूल ना कहो उसे, कि बाक़ी है, कुछ आईना
हटे जो गर्द, लगेगा वो भी, फिर चमकता आईना
यूँ तोड़ो ना उसे कि वो, कभी सवर ही पाए ना
है धूल से ढका मगर वो है अभी भी आईना
धूल ना कहो उसे, कि बाक़ी है, कुछ आईना
हटे जो गर्द, लगेगा वो भी, फिर चमकता आईना
यूँ तोड़ो ना उसे कि वो, कभी सवर ही पाए ना